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तुम्हारा जाना / शैलजा पाठक
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07:26, 30 अप्रैल 2014
<poem>
जब शब्दों में
चिखने
चीखने
लगी वेदना
रोम रोम प्रवाहित होता रहा
अनगिनत शीशे
चुभने लगी आँखें
इस बार
आंसूं
आँसू
के रंग अलग थे
किसी ने किसी के नही पोछे
Sharda suman
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