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व्यक्ति बनाम तंत्र / अर्पण कुमार
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20:40, 26 जनवरी 2016
और सोच रहा हूँ
उसे परास्त/चुप करने के लिए
पहले उसका तंत्र
दुर्बल करना होगा |
</poem>
अनिल जनविजय
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