भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"आईना-दर-आईना / डी. एम. मिश्र" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(रचनाएँ)
(रचनाएँ)
पंक्ति 44: पंक्ति 44:
 
* [[मगर हुआ इस बार भी वही हर कोशिश बेकार गई / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[मगर हुआ इस बार भी वही हर कोशिश बेकार गई / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[मंत्री-अफ़सर दोनों भोग-विलास में डूबे हैं / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[मंत्री-अफ़सर दोनों भोग-विलास में डूबे हैं / डी. एम. मिश्र]]
 +
* [[सुनता नही फ़रियाद कोर्इ हुक्मरान तक / डी. एम. मिश्र]]
 
* [[पहले अपना चेहरा रख / डी. एम मिश्र]]
 
* [[पहले अपना चेहरा रख / डी. एम मिश्र]]
 
* [[ख़्वाब सब के महल बँगले हो गये / डी. एम मिश्र]]
 
* [[ख़्वाब सब के महल बँगले हो गये / डी. एम मिश्र]]
 
* [[हमने गर आसमाँ उठाया है / डी. एम मिश्र]]
 
* [[हमने गर आसमाँ उठाया है / डी. एम मिश्र]]
 +
* [[मुहब्बत टूट कर करता हूँ, पर अंधा नहीं बनता / डी. एम. मिश्र]]
 +
* [[कभी लौ का इधर जाना , कभी लौ का उधर जाना / डी. एम. मिश्र]]
 +
* [[छू लिया मिट्टी तो थोड़ा हाथ मैला हो गया / डी. एम. मिश्र]]
 +
* [[प्राणों में ताप भर दे वो राग लिख रहा हूँ / डी. एम. मिश्र]]
 +
* [[खिली धूप से सीखा मैने खुले गगन में जीना / डी. एम. मिश्र]]
 +
* [[देर से जाना उसे वो आदमी मक्कार हूँ / डी.  एम. मिश्र]]

21:16, 10 दिसम्बर 2016 का अवतरण

आईना-दर-आईना
General Book.png
क्या आपके पास इस पुस्तक के कवर की तस्वीर है?
कृपया kavitakosh AT gmail DOT com पर भेजें
रचनाकार डी. एम. मिश्र
प्रकाशक नमन प्रकाशन, अंसारी रोड दरियागंज नई दिल्ली
वर्ष 2016
भाषा हिंदी
विषय ग़ज़ल संग्रह
विधा
पृष्ठ 109
ISBN
विविध
इस पन्ने पर दी गई रचनाओं को विश्व भर के स्वयंसेवी योगदानकर्ताओं ने भिन्न-भिन्न स्रोतों का प्रयोग कर कविता कोश में संकलित किया है। ऊपर दी गई प्रकाशक संबंधी जानकारी छपी हुई पुस्तक खरीदने हेतु आपकी सहायता के लिये दी गई है।

रचनाएँ