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मानोगे इक बात कहो तो बोलूँ मैं / दीपक शर्मा 'दीप'
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02:51, 23 दिसम्बर 2017
<poem>
मानोगे इक बात कहो तो बोलूँ मैं
होने को है
रा त
रात
कहो तो बोलूँ मैं?
पांच बजे ही मेरी बारी थी,थी ना?
द्विजेन्द्र द्विज
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