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अकेला कौन है जब (मुक्तक) / रामेश्वर काम्बोज ‘हिमांशु’
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09:42, 17 जून 2020
किसी के अधर की मुस्कान बन जाना।
किसी भीगे कंठ का गान बन जाना।
जिस गाँव शहर में
घिरा
छाया
हो अँधेरा।
उसके कूचे का दिनमान बन जाना।
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<poem>
वीरबाला
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