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8ज़माना कभीहँसने नहीं देगाअपनी राह चुनो,किसी की खुशीउसे नहीं पसन्द-बेपरवाह बनो ।9ग़ैरों से कैसाशिकवा है करनाअपने ही तलाशें,आसान रास्ताराह में तेरे रोड़ेअटकाने के वास्ते ।10मन का पाखीजाने किस डाल पेकब जाकर बैठे,खुद परखोडाल की मजबूतीभरोसा न तोड़ दे ।11जब भी दर्दहद से गुज़रतारोना चाहता मनरो नहीं पाताज़माने के डर सेसिर्फ़ हँसी सजाता ।12परदेस मेंठण्डी हवा का झोंकाधीरे से लेता आए-यादें पुरानीमाँ का नर्म आँचलवही सुनी कहानी ।13शहरी भीड़सब कुछ मिलताबिखरा चमचमनहीं मिलता-तारों की छाँव तलेवो सपने सजाना ।14नहीं डरतीआने वाले पल से,जो ख़त्म हो जाएगा,मेरी कविता ?बिना किसी अंत केकितनी अधूरी सी ।
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