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ज़िन्दगी की कमीज़ के | ज़िन्दगी की कमीज़ के |
00:11, 5 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण
ज़िन्दगी की कमीज़ के
दोनों सिरों पर लगे
काज और बटन की तरह हैं हम
वक़्त को
जब झुरझुरी आती है
इस कमीज़ को ढूंढ़ कर
पहन लेता है