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"तीन आवाज़ें-आवाज़-तीन / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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अरी, ओ!
 
अरी, ओ!

23:10, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

अरी, ओ!
मेरी अपाहज सदी
ऊंघती न रह जाना
तेरे बुरे दिनों में
एक बाज़ार के बहरूपिये
तेरे द्वार आयेंगे_
तेरे द्वार आयेंगे
और तेरे बच्चों के हाथों मे
झुनझुने देकर
उनके सपने
छीन ले जायेंग़े