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"गोलमहल / ऋषभ देव शर्मा" के अवतरणों में अंतर
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गोल महल में | गोल महल में | ||
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कुर्सीजीवी कीट | कुर्सीजीवी कीट | ||
− | बोझ से | + | बोझ से |
− | धरती दबा रहे हैं; | + | धरती दबा रहे हैं; |
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मोटी एक किताब, | मोटी एक किताब, | ||
− | उसी के | + | उसी के |
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दरवाज़े हैं बंद | दरवाज़े हैं बंद | ||
− | झरोखों तक | + | झरोखों तक |
− | मलबे की ढेरी; | + | मलबे की ढेरी; |
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दिवा रात्रि का आवर्तन है | दिवा रात्रि का आवर्तन है | ||
− | चमगादड़ की फेरी; | + | चमगादड़ की फेरी; |
− | इसको दफ़न करें मिटटी में | + | |
− | बन जाने दें - | + | इसको दफ़न करें मिटटी में |
− | खाद ! | + | बन जाने दें - |
+ | खाद ! | ||
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23:51, 23 अप्रैल 2009 के समय का अवतरण
गोल महल में
भारी बदबू,
सीलन औ' अवसाद;
धूप से
टूट गया संवाद।
कुर्सीजीवी कीट
बोझ से
धरती दबा रहे हैं;
मोटी एक किताब,
उसी के
पन्ने चबा रहे हैं;
दरवाज़े हैं बंद
झरोखों तक
मलबे की ढेरी;
दिवा रात्रि का आवर्तन है
चमगादड़ की फेरी;
इसको दफ़न करें मिटटी में
बन जाने दें -
खाद !