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"खेलत फाग दुहूँ तिय कौ / बिहारी" के अवतरणों में अंतर
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खेलत फाग दुहूँ तिय कौ मन राखिबै कौ कियौ दाँव नवीनौ | खेलत फाग दुहूँ तिय कौ मन राखिबै कौ कियौ दाँव नवीनौ | ||
19:00, 25 मई 2009 का अवतरण
खेलत फाग दुहूँ तिय कौ मन राखिबै कौ कियौ दाँव नवीनौ
प्यार जनाय घरैंनु सौं लै, भरि मूँठि गुलाल दुहूँ दृग दीनौ
लोचन मीडै उतै उत बेसु, इतै मैं मनोरथ पूरन कीनौ
नागर नैंक नवोढ़ त्रिया, उर लाय चटाक दै चूँबन लीनौ।