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"स्त्रियाँ-2 / जया जादवानी" के अवतरणों में अंतर

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01:28, 6 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

जैसे हाशिए पर लिख देते हैं
बहुत फ़ालतू शब्द और
कभी नहीं पढ़ते उन्हें
ऐसे ही वह लिखी गई और
पढ़ी नहीं गई कभी
जबकि उसी से शुरू हुई थी
पूरी एक क़िताब...।