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"अछूत-दान / मुकेश मानस" के अवतरणों में अंतर
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एकलव्य ने द्रोण को अंगूठा | एकलव्य ने द्रोण को अंगूठा |
16:24, 6 जून 2010 के समय का अवतरण
अगर दिया ना होता
एकलव्य ने द्रोण को अंगूठा
तब इतिहास कुछ और ही होता
मगर एकलव्य कैसे करता इंकार
मांग रहा था कोई ब्राह्मण
हाथ फैलाकर भिक्षा
किसी अछूत से पहली बार
रचनाकाल:1993