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+ | धूप और बारिश से | ||
+ | हवा और आतिश से | ||
+ | निरापद, नि:संकोच, | ||
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+ | कंचे की गोली | ||
+ | डंडा और गुल्ली | ||
+ | लुका-छिपी | ||
+ | संग बच्चे--हमजोली | ||
+ | करते अठखेली. |
11:03, 2 अगस्त 2010 के समय का अवतरण
बचपन
दर्पण से बाहर
मैं हूँ मनहर,
दर्पण से बाहर
संजोए हुए हूँ
मन के कोने में
चुनमुन बचपन
औंधे-मुंह
किलक-किलक
विहंस-विहंस
धूप और बारिश से
हवा और आतिश से
निरापद, नि:संकोच,
खेल रहा है
कंचे की गोली
डंडा और गुल्ली
लुका-छिपी
संग बच्चे--हमजोली
करते अठखेली.