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"अगूंण कानी आंख / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>चौफेर रात रो राज  
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चौफेर रात रो राज  
 
दडूकै डाकी अंधारो  
 
दडूकै डाकी अंधारो  
  

22:40, 25 नवम्बर 2010 का अवतरण

चौफेर रात रो राज
दडूकै डाकी अंधारो

थर-थर धूजतो म्हैं
रात काटूं
अगूण कानी आंख करियां

चिडकल्यां री चीं-चीं सुण
जी में जी आवै
होळै-होळै भाख फाटै

अगूण में पसरण लागै उजास….