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"भायला ! / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>कैड़ा बरस्या ए  लोर  भायला !
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कैड़ा बरस्या ए  लोर  भायला !
 
घर-आंगन ऊग्यो थोर भायला !
 
घर-आंगन ऊग्यो थोर भायला !
 
   
 
   

16:51, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

कैड़ा बरस्या ए लोर भायला !
घर-आंगन ऊग्यो थोर भायला !
 
दूध नै छाछ बता दाम धामै,
गळी-गळी ऊभा चोर भायला !

दो दाणा में करामात ठाडी,
टूटियो सत भूल्या जोर भायला !

कंठां तांई आया म्हैं तो अबै,
आ ई है जे बा भोर भायला !

आ बातां सूं मन बिलमै कोनी,
बात कोई नुंवी टोर भायला !