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"आछी करी रे आछोड़ां / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर

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<poem>सोनचिड़ी आवै
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सोनचिड़ी आवै
 
अबोली जावै
 
अबोली जावै
 
हवा री सोरम
 
हवा री सोरम

16:56, 27 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण

सोनचिड़ी आवै
अबोली जावै
हवा री सोरम
हवा में ई
अमूझ र रह जावै

मुळकै फूल
पण कोई देखै कोनी
आभै में औसरै आडंग
पण किणी रै मन कोड जागै कोनी

पावणा आवै जिण घड़ी
मन कोनी करै थड़ी
रूतां बदळती रैवै रंग
पण कुण देखै
किण रै है अड़ी

आछी करी रे आछोड़ा
परदै सूं प्रीत !