भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"पिता आप / संतोष मायामोहन" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=संतोष मायामोहन |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem>पिता आप आप ह…) |
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 12: | पंक्ति 12: | ||
युगों-युगों से मेरे पिता | युगों-युगों से मेरे पिता | ||
दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों ! | दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों ! | ||
+ | |||
+ | '''अनुवाद : नीरज दइया''' | ||
</Poem> | </Poem> |
05:55, 29 नवम्बर 2010 का अवतरण
पिता आप
आप ही मां जाए भाई
आप ही मेरी भाभी के घर-
बालक ।
आप स्थिर
युगों-युगों से मेरे पिता
दूध चूंघते मेरी भाभी के स्तनों !
अनुवाद : नीरज दइया