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फिर से कोई हादसा | फिर से कोई हादसा |
13:01, 8 फ़रवरी 2011 के समय का अवतरण
इस शहर में
फिर से कोई हादसा
हुआ होगा
नहीं तो
इतना खामोश
और वीरान
क्यों पड़ा है यह
आदमी से
आदमी का
भरोसा उठ गया होगा
नहीं तो
इतना बेजुबां
और बेमज़ा
क्यों हुआ है यह
2001 में रचित