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"तिनका / शिवदयाल" के अवतरणों में अंतर

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तब उसमें
 
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कितना होता है वज़न !
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इतना रौंदे जाने के बाद भी
 
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डूबने वाला
 
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ढूँढ़ता है सहारा
 
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एकमात्र उसका !
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कैसा आश्चर्य है,
 
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वह वहाँ है
 
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जहाँ और कोई तारणहार नहीं !
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यह ‘कुछ नहीं’ से
 
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‘कुछ’ होने के दरम्यान
 
‘कुछ’ होने के दरम्यान
 
 
वह कहाँ रह जाता है
 
वह कहाँ रह जाता है
 
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सिर्फ़ तिनका !
सिर्फ तिनका!
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21:41, 19 मई 2011 का अवतरण


करने को
जब कुछ नहीं
तो कुतरते रहो
उसे मुँह में ले
कि भर जाए कुछ खालीपन ।

जब पंछी घोंसले में
सहेज कर रखते हैं उसे
तब उसमें
कितना होता है वज़न !

इतना रौंदे जाने के बाद भी
डूबने वाला
ढूँढ़ता है सहारा
एकमात्र उसका !

कैसा आश्चर्य है,
वह वहाँ है
जहाँ और कोई तारणहार नहीं !

यह ‘कुछ नहीं’ से
‘कुछ’ होने के दरम्यान
वह कहाँ रह जाता है
सिर्फ़ तिनका !