भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

"महात्मा गाँधी / कृष्ण कुमार यादव" के अवतरणों में अंतर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
(नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=कृष्ण कुमार यादव |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <poem> महात्मा गाँ…)
 
 
पंक्ति 4: पंक्ति 4:
 
|संग्रह=
 
|संग्रह=
 
}}
 
}}
{{KKCatKavita}}
+
{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyGandhi}}
 
<poem>
 
<poem>
 
महात्मा गाँधी
 
महात्मा गाँधी

01:55, 21 मई 2011 के समय का अवतरण

महात्मा गाँधी
सत्य और अहिंसा की मूर्ति
जिसके सत्याग्रह ने
साम्राज्यवाद को भी मात दी
जिसने भारत की मिट्टी से
एक तूफ़ान पैदा किया
जिसने पददलितों और उपेक्षितों
की मूकता को आवाज़ दी
जो दुनिया की नज़रों में
जीती-जागती किवदंती बना
आज उसी गाँधी को हमने
चौराहों, मूर्तियों, सेमिनारों और क़िताबों
तक समेट दिया
गोडसे ने तो सिर्फ़
उसके भौतिक शरीर को मारा
पर हम रोज़ उसकी
आत्मा को कुचलते देखते हैं
ख़ामोशी से ।