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जो सच कहें तो ये कुल सल्तनत हमारी है / गुलाब खंडेलवाल
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जो सच कहें तो ये कुल सल्तनत हमारी है
पड़े हैं पाँवों में तेरे,ये
खाकसारी
ख़ाकसारी
है
सुबह जो एक भी मिलती है ज़िन्दगी की हमें
Vibhajhalani
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