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अँधेरी रात के परदे में झिलमिलाया किये / गुलाब खंडेलवाल
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03:46, 2 जुलाई 2011
पता नहीं कि उन्हें कौन-सी रंगत हो पसंद!
हजारों
हज़ारों
रंग से घर अपना हम जलाया किये
नज़र से दूर भी जाकर हैं उनके पास बहुत
गुलाब प्यार के गीतों में छिपके आया किये
<poem>
Vibhajhalani
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