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तेरी तिरछी अदाओं पर जिन्हें मरना नहीं आता / गुलाब खंडेलवाल
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20:29, 6 जुलाई 2011
उन्हें इस ज़िन्दगी से प्यार भी करना नहीं आता
ज़रा उँगली पकड़कर दो
कदम
क़दम
चलना सीखा जाओ
पले फूलों में हम, काँटों पे पग धरना नहीं आता
Vibhajhalani
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