भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
"बड़ी मुसीबत है / रमेश तैलंग" के अवतरणों में अंतर
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रमेश तैलंग |संग्रह=इक्यावन बालगीत / रमेश तैलंग }}…) |
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) |
||
पंक्ति 2: | पंक्ति 2: | ||
{{KKRachna | {{KKRachna | ||
|रचनाकार=रमेश तैलंग | |रचनाकार=रमेश तैलंग | ||
− | |संग्रह=इक्यावन बालगीत / रमेश तैलंग | + | |संग्रह= उड़न खटोले आ / रमेश तैलंग; इक्यावन बालगीत / रमेश तैलंग |
}} | }} | ||
{{KKCatBaalKavita}} | {{KKCatBaalKavita}} |
02:43, 18 सितम्बर 2011 के समय का अवतरण
घर में सबसे छोटा होना
बड़ी मुसीबत है ।
अपने-अपने काम करा कर
बड़े डाँटते हैं
जब भी होता मन,
छोटों पर रौब गाठते हैं ।
हे भगवान ! तुम्हीं देखो न,
बड़ी मुसीबत है ।
देते हमको एक, माँगते
मुझसे पप्पी दस ।
दादजी की दाढ़ी चुभती
पर न करते बस ।
उनका हँसना, अपना रोना
बड़ी मुसीबत है ।