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"जनतन्त्रक दुर्घटना / रामानुग्रह झा" के अवतरणों में अंतर

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बिहाड़िमे उड़िआइत पातक किलोल
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फट् ! फट् ! फट् ! फटाक् !!!
कि क्षणमे वृक्ष भागि जाइछ हमरासँ दूर
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जनतन्त्रक टंकी फाटि गेल
कि धूमिल कम्बलसँ वातायनकें
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जनताक मोन पर जमल बर्फ
अछि झाँपि देने आन्हर बिहाड़ि ई।
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चेतनाक सूर्यसँ पघिल-पघिल
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कैक क्यूसेक्स जल-प्लावन कएल।
  
छोट-पैघ सब तरहक, सबहक पलकें
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उठल अछि शब्दक भयंकर बिहाड़ि
झाँपि रहल अछि, अनास्थाकेर कण कते,
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गीड़ लेत हमरा सबकें,
कि दृश्य झलफल, अदृश्य, झलफल मार्ग-
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किताबक फोहार, अखबारक वर्षा
सब अज्ञात, छल जे ज्ञात से अज्ञात तैं।
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भाषणक नदी आ बहसक नाला,
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सेमिनारी नहर, आश्वासनक बान्ह,
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विधानसभाक पोखरि, आ संसदीय डाबर
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सब उधिया रहल अछि
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उमड़ि रहल अछि हमरा चारू कात।
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आ हम सब भरि मुखहर पानिमे दहाइत छी।
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गाम आ शहर, गली आ सड़क,
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खेत आ फैक्ट्री, घर आ ऑफिस-
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शब्दक एहि बाढ़िमे
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दहाइत भसियाइत सब किछु
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परस्पर टकरा क’ टूटि रहल अछि-
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योजनाक फाइल आ इतिहासक पात
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भविष्यक कन्टैªक्ट आ विज्ञानक प्रबन्ध।
  
कोन समय ई ? साँझ, दुपहर, वा राति ?
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‘हम कतय छी ? कतय जाएब हम !
भेल पराजय गति केर की आइ कालसँ ?
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डल झील कि ट्राम्बेक रिएक्टर
की थिक ई ? संक्रमण अथवा पिपर्यय ?
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हाजीपीरक चौकी कि ऊटीक जेल ?’’
विध्वंसक सर्किलमे घेरल सबहक प्राण !
+
से पूछैत छथि श्री....की औ....?
 
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मनुक्ख आ कि राशन कार्ड ?
छोट-पैघ वृक्षकेर खसल-झड़ल पात
+
उत्तर छैक क्रान्ति आ क्रान्ति
कागजी अस्तित्व ल’ अंगदीप पैर पर
+
आ बैसैत छथि जा क’ चाहक दोकानमे ?
प्रार्थना करैछ: ‘जागह हे ज्योतिपुंज !
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हमरा नहि बरू, बुझा दहक बाट बतहा बिहाड़िकें।’
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13:51, 4 जून 2013 के समय का अवतरण

 
फट् ! फट् ! फट् ! फटाक् !!!
जनतन्त्रक टंकी फाटि गेल
जनताक मोन पर जमल बर्फ
चेतनाक सूर्यसँ पघिल-पघिल
कैक क्यूसेक्स जल-प्लावन कएल।

उठल अछि शब्दक भयंकर बिहाड़ि
गीड़ लेत हमरा सबकें,
किताबक फोहार, अखबारक वर्षा
भाषणक नदी आ बहसक नाला,
सेमिनारी नहर, आश्वासनक बान्ह,
विधानसभाक पोखरि, आ संसदीय डाबर
सब उधिया रहल अछि
उमड़ि रहल अछि हमरा चारू कात।
आ हम सब भरि मुखहर पानिमे दहाइत छी।
गाम आ शहर, गली आ सड़क,
 खेत आ फैक्ट्री, घर आ ऑफिस-
शब्दक एहि बाढ़िमे
दहाइत भसियाइत सब किछु
परस्पर टकरा क’ टूटि रहल अछि-
योजनाक फाइल आ इतिहासक पात
भविष्यक कन्टैªक्ट आ विज्ञानक प्रबन्ध।

‘हम कतय छी ? कतय जाएब हम !
डल झील कि ट्राम्बेक रिएक्टर
हाजीपीरक चौकी कि ऊटीक जेल ?’’
से पूछैत छथि श्री....की औ....?
मनुक्ख आ कि राशन कार्ड ?’
उत्तर छैक क्रान्ति आ क्रान्ति
आ बैसैत छथि जा क’ चाहक दोकानमे ?