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"एक दीठ: दो साच!/ कन्हैया लाल सेठिया" के अवतरणों में अंतर

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खरच रा भाग मोटा !
 
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07:01, 17 अक्टूबर 2013 के समय का अवतरण

एक बगत
अलूणुं ही सही
को तुडावांनी रिपियो
सिझ्यां सुवारै
बिक ज्यासी मूंज
जणां बापर ज्यासी
खुला पईसा।

रिपियो
हाथ रो मैल
करो खुदरा
कीं रै बैठी है लिछमी
पीढ़ो ढ़ाळ‘र
फेर क्यां रो फिकर
खरच रा भाग मोटा !