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"कविता / फ़्योदर त्यूत्चेव" के अवतरणों में अंतर

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उद्वेलित समुद्र में वह
 
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शान्तिप्रद उड़ेलती है द्रव।
 
शान्तिप्रद उड़ेलती है द्रव।
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19:19, 17 नवम्बर 2013 के समय का अवतरण

गर्जनाओं के बीच
अग्निकुण्डों के बीच
स्वतःस्फूर्त कटु-कलहों के बीच
आकाश से उतर आती है
वह दिव्य शक्ति

हम धरती-पुत्रों के पास
आँखों में वैंगनी आभा लिया
उद्वेलित समुद्र में वह
शान्तिप्रद उड़ेलती है द्रव।

(1850)