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"सच्चा मित्र / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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<poem>झगड़ू बंदर ने रगड़ू,
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    झगड़ू बंदर ने रगड़ू,
 
     भालू से हाथ मिलाया|
 
     भालू से हाथ मिलाया|
 
     बोला तुमसे मिलकर तो,
 
     बोला तुमसे मिलकर तो,

22:48, 29 जून 2014 के समय का अवतरण

    झगड़ू बंदर ने रगड़ू,
    भालू से हाथ मिलाया|
    बोला तुमसे मिलकर तो,
    प्रिय बहुत मज़ा है आया|

     रगड़ू बोला हाथ मिले,
     तो मन भी तो मिल जाते|
     अच्छे मित्र वही होते,
     जो काम समय पर आते|

      कठिन समय पर काम नहीं,
      जो कभी मित्र के आता|
      मित्र कहां ? अवसर वादी,
      वह तो गद्दार कहाता|