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"बेसन‌ की मिठाई / प्रभुदयाल श्रीवास्तव" के अवतरणों में अंतर

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मोरे मम्मा ने भेजी|
 
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माईं ने ममता मिलाई रे,
 
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पिस्ता की रंगत तो कैसी हरी है|
 
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सिंदूरी केसर मिलाई रे|
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मोरे मम्मा ने भेजी|
 
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नाना ने मीठे के डिब्बा बनाये|
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नानी ने रेशम के धागे बंधाये|
 
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जी भरकें आशीष भिजवाई रे
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मोरे मम्मा ने भेजी|
 
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डिब्बा में निकरीं हैं सतरंगी चिठियां|
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चिठियों में लिक्खी कैसी मीठी बतियां|
 
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चांदी सी चमके लिखाई रे|
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बेसन की मिठाई है आई रे,
 
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मोरे मम्मा ने भेजी|</poem>
 
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10:51, 30 जून 2014 के समय का अवतरण

बेसन की मिठाई है आई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|
मम्मा ने भेजी और माईं ने भेजी|
बेसन की मिठाई है आई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|

देखो मिठाई है कितनी गुरीरी,
घी की बनी है और रंग की है पीरी|
माईं ने ममता मिलाई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|

काजू डरे हैं और किसमिस डरी है,
पिस्ता की रंगत तो कैसी हरी है|
सिंदूरी केसर मिलाई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|

नाना ने मीठे के डिब्बा बनाये,
नानी ने रेशम के धागे बंधाये|
जी भरकें आशीष भिजवाई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|

डिब्बा में निकरीं हैं सतरंगी चिठियां,
चिठियों में लिक्खी कैसी मीठी बतियां|
चांदी सी चमके लिखाई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|
बेसन की मिठाई है आई रे,
मोरे मम्मा ने भेजी|