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07:01, 4 जुलाई 2014 के समय का अवतरण
टीटूड़ी
तू जणै बोलती म्हारै घर पराÓकर
उडारी भरती जावै दूर अकासां
उण बगत मुळकै म्हारी सांसा
हुवै पतियारो
अेकलो नीं हूं सबद मांय
हुवै भलांई च्यारूं पासै
-लासां!