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चमाळीस / प्रमोद कुमार शर्मा
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टीटूड़ी
तू जणै बोलती म्हारै घर पराÓकर
उडारी भरती जावै दूर अकासां
उण बगत मुळकै म्हारी सांसा
हुवै पतियारो
अेकलो नीं हूं सबद मांय
हुवै भलांई च्यारूं पासै
-लासां!