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"विलेखित स्वप्न / अमित कल्ला" के अवतरणों में अंतर

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मावस की रात,
 
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तोपों से चिपकी
 
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शब्दरहित गीला-गीला-सा
 
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लीलामय लोक,
 
लीलामय लोक,

06:08, 10 जुलाई 2016 के समय का अवतरण

अधिक देखना हो
तो
बुराँश के फूल,
महौषध कच्ची-कच्ची इलायची,
राजतामय
बदल वन देखें,

पहाड़ी पर लेटी
मावस की रात,
तोपों से चिपकी
अफ़ीम की दोपहर,
शब्दरहित गीला-गीला-सा
लीलामय लोक,
विलेखित स्वप्न
और अतृप्त
गर्वीला घुमाव देखे,

अधिक देखना हो
तो
अन्धे समुद्र का
जोगिया रंग देखें।