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सांग:– चमन ऋषि – सुकन्या & अनुक्रमांक – (अनुक्रमांक– 3 )
वार्ता:- सज्जनों! अवधपुरी के सूर्यवंशी राजा शर्याति कै पुत्र नहीं था। ब्राहम्णों ने राजा को पुत्रेष्टि यज्ञ करवाने की सलाह दी। राजा, रानियों व सेना सहित वन में जाते है। फिर कवि वहा का वर्णन कैसे करता है।
'''शर्याति राजा छत्रधारी, कुटम्ब कबिला सेना सारी,''''''यज्ञ -हवन की करके त्यारी, चाले बियावान मै ।। टेक ।।'''
भूप थे चौदा विद्या ज्ञानी, उसकी अवधपुरी रजधानी,
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