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"आँसुओं भरी आँखें / भावना कुँअर" के अवतरणों में अंतर
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+ | पूरा जहान। | ||
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+ | रूँधा- सा गला | ||
+ | भारी हुआ था मन। | ||
+ | तभी आ गई | ||
+ | नन्हीं धूप किरण। | ||
+ | खुला आसमाँ | ||
+ | खिल गया मेरा भी | ||
+ | मुरझाया वो मन। | ||
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04:08, 11 जुलाई 2018 के समय का अवतरण
गहन दुःख
न देख सका मेरा
तो फूट पड़ा
साथी नीला आसमाँ
देने आ गए
सब मेरा ही साथ
चाहे प्रभात
खेत औ खलिहान
हों नन्हे पौधे
या फूलों की कतार।
भर ही गया
आँसू से लबालब
पूरा जहान।
धुँधला दिखे अब
सब कुछ ही।
आँसुओं भरी आँखें
रूँधा- सा गला
भारी हुआ था मन।
तभी आ गई
नन्हीं धूप किरण।
खुला आसमाँ
खिल गया मेरा भी
मुरझाया वो मन।