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"कविता / ईहातीत क्षण / मृदुल कीर्ति" के अवतरणों में अंतर

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वचन और अंकन की सीमा ,
 
वचन और अंकन की सीमा ,
जहों समाप्त होती है.
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जहां समाप्त होती है.
कविता वाहून से आरम्भ होती है,
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कविता वहां से आरम्भ होती है,
 
अभी हम एक दूसरे को,
 
अभी हम एक दूसरे को,
 
पारदर्शी नहीं,
 
पारदर्शी नहीं,

15:06, 7 अक्टूबर 2022 के समय का अवतरण

वचन और अंकन की सीमा ,
जहां समाप्त होती है.
कविता वहां से आरम्भ होती है,
अभी हम एक दूसरे को,
पारदर्शी नहीं,
अतः शब्द चाहिए ,
वरना शब्दों की क्या ,
विसात होती है.