* [[था कहा विहँस "मृगनयनी! मेरा कर हथेलियों में ले लो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[सुधि करो प्राण! कहते थे तुम,"बस प्राणप्रिये! इतना करना / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[सुधि करो कहा था,"कभीं निभृत में सजनी! तेरा घूँघट-पट। / प्रेम नारायण 'पंकिल']]* [[प्रिय! झुका कदम्ब-विटप-शाखा तुम स्थित थे कालिन्दी-तट पर / प्रेम नारायण 'पंकिल']]* [[सुधि करो कहा था, "प्रेम-पर्व पर पंकिल उल्कापात न हो / प्रेम नारायण 'पंकिल']]* [[क्या नहीं कहा प्रिय! "मंजु-अँगुलियाँ खेलें प्रेयसि-अलकों में / प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[/प्रेम नारायण 'पंकिल']]
* [[ / प्रेम नारायण 'पंकिल']]