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तरकश / ऋषभ देव शर्मा

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*[[लोगों ने आग सही कितनी / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[मिलीं शाखें गिलहरी को इमलियों की / ऋषभ देव शर्मा ]]
*[[रक्त का उन्माद हैं ये युद्ध की बातें / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[झुग्गियों को यों हटाया जा रहा है / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[घर के कोने में बैठे हो लगा पालथी, भैया जी / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[बोला कभी तो बोल की मुझको सज़ा मिली / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[ठीक है - जो बिक गया , खामोश है / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[क्या पता था खेल ऐसे खेलने होंगे / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[हो न जाए मान में घाटा किसी के यों / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[पेट भरा हो तो सूझे है, ताज़ा रोटी, बासी रोटी / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[राजपथों पर कोलाहल है, संविधान की वर्षगाँठ है / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[रात उनके नाचघर में आ गई वर्षा / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[आज हाथों को, सुनो, आरी बना लो, साथियो / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[घर से बाहर नहीं निकलना, आज शहर में कर्फ्यू है / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[हर दफ्तर में एक बड़ी सी, कुर्सी पाई जाती है / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[आग के व्यापारियों ने बाग़ को झुलसा दिया / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[चोरों का सम्मान आजकल मेरे भैया / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[सुनो, बगावत कर रहे, अब सरसों के खेत / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[शहर तुम्हारा? हमने देखा शहर तुम्हारा / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[धर्म, भाषा, जाति, दल का, आजकल आतंक है / ऋषभ देव शर्मा ]] *[[काव्य को अंगार कर दे भारती / ऋषभ देव शर्मा ]]
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