Changes

|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita‎}}
<Poem>
नृपति उदास है
रक्त से आचमन
ड्राइंग कक्ष में
चांद-सितारों को कैद क़ैद नहीं किया
वाद्य यंत्रों की धुनाई,
मौसमों को
पिंजरे में बंद नहीं किया
विरासती फौजों फ़ौजों का‘आनर‘ ‘ऑनर‘ नहीं लिया
खलबली है नृपतंत्र में
कल बेटी
कामगारों कामग़ारों की बस्ती क्यों गई
नहीं आ रही
भुने हुए काजू की खुश्बूख़ुशबू
आज उसके
गू से !
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,142
edits