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"वह. / अवतार एनगिल" के अवतरणों में अंतर

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मैं उसे क्या कहूँ।</poem>
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मैं उसे क्या कहूँ।
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17:38, 7 नवम्बर 2009 के समय का अवतरण

वह
जो बार-बार आता है
बतियाता है
बिना शब्दों के

वह
जो बार-बार
मथता है
हथेलियों और तलवों को
बीचों-बीच
डिवाइडर की नोक से

वह
जो बार-बार आता है
और धंसता चला जाता है
बीच माथे में
डायनामाईटी बर्मे-सा

मेरा प्रिय सखा है वह
बार-बार आता है जो
हार-हार जाता है जो
मैं उसे क्या कहूँ।