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"भविष्य / अनिल जनविजय" के अवतरणों में अंतर
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22:21, 9 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण
याद हैं मुझे
तुम्हारे वे शब्द
तुमने कहा था--
एक दिन आएगा
जब आदमी
आदमी नहीं रह पाएगा
वह बंजर ज़मीन हो जाएगा
या ठाठें मारता समुद्र