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"आदमी / मधुरिमा / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर

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प्राण में रख, एक पल रोया नहीं!
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23:21, 30 दिसम्बर 2009 के समय का अवतरण

गोद पाकर, कौन जो सोया नहीं?
होश किसने प्यार में खोया नहीं?
आदमी, पर है वही जो दर्द को
प्राण में रख, एक पल रोया नहीं!