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"निवेदन / विहान / महेन्द्र भटनागर" के अवतरणों में अंतर
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23:46, 30 दिसम्बर 2009 का अवतरण
अभिशाप भले ही दे दो, पर
वरदान नहीं देना मुझको !
जब सविता जैसा चमक पडूँ,
जब मधुघट बनकर छलक पडूँ,
तब लघुता मुझमें भर देना,
अभिमान नहीं देना मुझको !
मूक ग़रीबी का साया हो,
जब सुख माया-ही-माया हो,
संघर्षों में मिटने देना,
पर, दान नहीं देना मुझको !
1945