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पास
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दूर
बहुत पास
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सुनाई दे रही  
 
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ख़ुश्बू की आहट
 
ख़ुश्बू की आहट
  
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पास
 
पास बहुत  
 
पास बहुत  
 
भटकती है
 
भटकती है

16:21, 24 अप्रैल 2010 का अवतरण

दूर
बहुत दूर
सुनाई दे रही
ख़ुश्बू की आहट

पास
पास बहुत
भटकती है
गुलमोहरी कसक

दूरी और सामीप्य में
लहरा रहा है
एक क्षण।