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02:50, 23 अगस्त 2010 के समय का अवतरण

गहरे-गहरे से पदचिह्न ।

घर की दहलीजों के नीचे,
गहरे-गहरे से पदचिह्न ।
कल तक जो थे मेरे साथ
दिखते उनसे बिलकुल भिन्न ।
गहरे-गहरे से पदचिह्न ।

ताज़े, पर अपरिचित अनाम
अभी छोड़ गई इन्हें शाम
जाने क्यों हो करके खिन्न ।
गहरे-गहरे से पदचिह्न ।

कोई चौराहे तक जाए
और इन्हें वहीं छोड़ आए
अओसा न हो कल के दिन ।
गहरे-गहरे से पदचिह्न ।