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"उस पार की जमीन / सत्यनारायण सोनी" के अवतरणों में अंतर

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बच्चे के पास  
 
नहीं है कोई जेट विमान
 
नहीं है कोई जेट विमान
 
कोई रॉकेट  
 
कोई रॉकेट  
 
या हवाई सर्वेक्षण करता  
 
या हवाई सर्वेक्षण करता  
कोई हैलिकौप्टर।
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कोई हैलिकॉप्टर ।
  
 
उसके पास है
 
उसके पास है
प्यार की डोरी में बंधी एक पतंग
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प्यार की डोरी में बँधी एक पतंग
उड़ते-उड़ते पहुंच गई जो  
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उड़ते-उड़ते पहुँच गई जो  
 
सरहद पार के आसमान में
 
सरहद पार के आसमान में
बांट रही एक अदद मुस्कान।
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बाँट रही एक अदद मुस्कान ।
  
कोई शक की नजरों
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कोई शक की नज़रों
नहीं देखेगा उसे सरहद पार।
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नहीं देखेगा उसे सरहद पार ।
न ही दागी जाएगी कोई मिसाइल उसे गिराने को।
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न ही दागी जाएगी कोई मिसाइल उसे गिराने को ।
  
 
कोई बच्चे जैसा बच्चा सरहद पार का  
 
कोई बच्चे जैसा बच्चा सरहद पार का  
 
निहारेगा उसे  
 
निहारेगा उसे  
तालियां बजाएगा, खिलखिलाएगा।
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तालियाँ बजाएगा, खिलखिलाएगा ।
 
कटकर जाएगी जब तो वह उमंगों भर जाएगा,
 
कटकर जाएगी जब तो वह उमंगों भर जाएगा,
लूटने को दोनों हाथ फैलाएगा।
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लूटने को दोनों हाथ फैलाएगा ।
 
और इस प्रकार भर जाएगी मुस्कान से  
 
और इस प्रकार भर जाएगी मुस्कान से  
सरसब्ज हो जाएगी प्यार से  
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सरसब्ज़ हो जाएगी प्यार से  
उस पार की जमीन।
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उस पार की ज़मीन ।
 
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01:19, 31 अक्टूबर 2010 के समय का अवतरण

 
बच्चे के पास
नहीं है कोई जेट विमान
कोई रॉकेट
या हवाई सर्वेक्षण करता
कोई हैलिकॉप्टर ।

उसके पास है
प्यार की डोरी में बँधी एक पतंग
उड़ते-उड़ते पहुँच गई जो
सरहद पार के आसमान में
बाँट रही एक अदद मुस्कान ।

कोई शक की नज़रों
नहीं देखेगा उसे सरहद पार ।
न ही दागी जाएगी कोई मिसाइल उसे गिराने को ।

कोई बच्चे जैसा बच्चा सरहद पार का
निहारेगा उसे
तालियाँ बजाएगा, खिलखिलाएगा ।
कटकर जाएगी जब तो वह उमंगों भर जाएगा,
लूटने को दोनों हाथ फैलाएगा ।
और इस प्रकार भर जाएगी मुस्कान से
सरसब्ज़ हो जाएगी प्यार से
उस पार की ज़मीन ।