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उसका दु:ख / पवन करण

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|रचनाकार=पवन करण |संग्रह=स्त्री मेरे भीतर / पवन करण
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वह उदास है आज
 
आज देर तक देखेगी
 
वह ख़ुद को आइने में
 
देखेगी अपनी चमड़ी पर
 
फेर-फेर कर हाथ,
 
उँगलियों पर गिनेगी उम्र,
 
चौकेगी हर आहट पर
 उसका दु:ख दुःख आज 
ख़ूब सताएगा उसे
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