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"नुंवै बरस माथै / सांवर दइया" के अवतरणों में अंतर
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Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) (नया पृष्ठ: <poem>लेवड़ा उतरती भींत माथै लटकायो जद नुवो कलेंडर छाती सांमै आय र ऊ…) |
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लटकायो जद नुवो कलेंडर | लटकायो जद नुवो कलेंडर | ||
छाती सांमै आय र ऊभग्या | छाती सांमै आय र ऊभग्या |
22:45, 25 नवम्बर 2010 के समय का अवतरण
लेवड़ा उतरती भींत माथै
लटकायो जद नुवो कलेंडर
छाती सांमै आय र ऊभग्या
तीन सौ पैंसठ दिन
म्हारी
नित छुलती सांस जाणै
कियां कटै-
एक-एक दिन
लारलै बरस
ना होली-दियाळी लापसी
ना सावण में सातू
रूतां बदळी
अर म्हैं भुगत्या फळ
मुट्ठी भर लोगां री
फाक्यां में आयोड़ो
हरामी रो हाड हरख
कदै नीं ऊभ्यो आय र म्हारै आंगणै
आज सूं भळै
म्हैं हूं
अर सांमै है
ऐ तीन सौ पैंसठ दिन !