जाते-जाते भी
जीने का
अंत न होगा
बना रहेगा
मेरा जीना
जीवन से जीवंत
प्रतिभा का
पौरुष का पुंज
काव्य-कला का
कूजित कुंज
रचनाकाल: ०१-०३-१९९१
जाते-जाते भी
जीने का
अंत न होगा
बना रहेगा
मेरा जीना
जीवन से जीवंत
प्रतिभा का
पौरुष का पुंज
काव्य-कला का
कूजित कुंज
रचनाकाल: ०१-०३-१९९१