Last modified on 11 जून 2009, at 22:19

प्रतिकार / मंगलेश डबराल

जो कुछ भी था जहाँ-जहाँ हर तरफ़

शोर की तरह लिखा हुआ

उसे ही लिखता मैं

संगीत की तरह ।


(रचनाकाल : 1999)