भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेहन्दी रौ अरथ / अर्जुनदेव चारण

Kavita Kosh से
Sharda suman (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:36, 15 अक्टूबर 2013 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेहन्दी रौ अरथ
रंग नीं
राचणौ होवै मां
 
ऐ कोरी
हथाळियां रा पुहूप
किण पूजां में
धरूं
कै देवता री सांस
भर दै
उणमें सौरम